देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों पर नंबर प्लेट लगाने के विवादास्पद आदेशों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी के जिला पंचायत राज अधिकारियों (डीपीआरओ) द्वारा जारी ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सीएम ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने का ऐलान किया गया है।
वायरल पत्र का खुलासा और सीएम का रिएक्शन
जिला अधिकारियों ने स्वच्छ भारत मिशन जैसे कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के नाम पर मकानों पर नंबर प्लेट लगाने का ठेका एक बाहरी व्यक्ति को सौंपने का प्रयास किया था। ये पत्र वायरल होते ही लोगों में आक्रोश फैल गया। सीएम धामी ने अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि सभी सरकारी योजनाएं जनहित, पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ लागू हों। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्थानीय लोगों के रोजगार और हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्थानीय लोगों को प्राथमिकता: नया संकल्प
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि 10 करोड़ रुपये तक की सरकारी अधिप्राप्तियों में स्थानीय निवासियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। हर स्तर पर इन आदेशों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यह कदम राज्य सरकार की ‘लोकल फॉर वोकल’ नीति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, जो बाहरी ठेकेदारों के हितों पर स्थानीय हितों को प्राथमिकता देता है।
यह घटना सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा संदेश देती है। जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई पर नजरें टिकी हैं।

