Varsha Chamoli

उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के युवाओं को सेना में अग्निवीर बनने के लिए एक विशेष उपहार देते हुए उनके भर्ती पूर्व निशुल्क प्रशिक्षण के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खेल एवं युवा कल्याण विभाग जल्द ही 13 जिलों में अग्निवीर भर्ती पूर्व प्रशिक्षण शुरू करेगा, ताकि युवा अपने सैन्य सपनों को साकार कर सकें और प्रदेश की गौरवशाली सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा सकें।
प्रशिक्षण योजना के मुख्य पहलू
- पंजीकरण और पात्रता: प्रशिक्षण के लिए इच्छुक युवक-युवतियां उत्तराखंड के स्थायी निवासी हों या प्रदेश के किसी शैक्षणिक/सेवा संस्थान से जुड़े हों।
- शैक्षणिक योग्यता: कम से कम 45% अंकों के साथ हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण और प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33% अंक जरूरी।
- आयु सीमा: कम से कम 16 वर्ष की उम्र।
- चिकित्सीय प्रमाण पत्र: स्वास्थ्य प्रमाण पत्र आवश्यक होगा।
- उपस्थिति नियम: प्रशिक्षण के दौरान खेल किट (टीशर्ट, नेकवार्मर, स्पोर्ट्स शूज, मौजे) पहनकर आना अनिवार्य।
- प्रतिबंध: शरीर पर कोई टैटू या अप्राकृतिक निशान नहीं होना चाहिए।
- प्रशिक्षण अनिवार्यता: प्रशिक्षण केवल विभागीय नियुक्त प्रशिक्षकों द्वारा निर्धारित स्थानों पर होगा।
क्यों है यह पहल महत्वपूर्ण?
उत्तराखंड की सैन्य परंपरा विश्व विख्यात है, और लगभग हर परिवार से कोई न कोई सदस्य सेना में सेवा दे चुका है। मुख्यमंत्री धामी ने इस पहल के माध्यम से युवाओं को देश सेवा में भागीदारी का अवसर दिया है। अग्निवीर योजना के तहत भर्ती पूर्व प्रशिक्षण से युवा बेहतर तैयारी कर सकेंगे और सेना में अपना करियर सफलतापूर्वक बना सकेंगे।
सरकार ने यह भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि अग्निवीरों को उनकी सेवा समाप्ति के बाद प्रदेश की सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जाएगा, जिससे उनके भविष्य को सुनिश्चित किया जा सके।
प्रशिक्षण से जुड़े अतिरिक्त पहलू
खेल एवं युवा कल्याण विभाग आगामी महीनों में प्रशिक्षकों की संख्या बढ़ाने और प्रशिक्षण सुविधाओं को और बेहतर बनाने की योजना बना रहा है। युवा महोत्सव और पदयात्राएं भी आयोजित कर राज्य में खेल एवं युवा गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
यह निशुल्क प्रशिक्षण न केवल शारीरिक फिटनेस और तैयारी में मदद करेगा बल्कि युवाओं के आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा, जिससे वे सेना की मांगों को बेहतर तरीके से समझकर उसके अनुसार खुद को तैयार कर सकें।
यह पहल उत्तराखंड के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे न केवल सेना में अपनी सेवा दे सकेंगे, बल्कि अपने प्रदेश और देश का गौरव बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह सोच युवाओं के सपनों को साकार करने और उत्तराखंड की सैन्य परंपरा को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
