जयशंकर ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में लिया हिस्सा

INTERNATIONAL NEWS
Spread the love

Varsha Chamoli 

कुआलालंपुर। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने 27 अक्टूबर को यहां 22वें आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ)-भारत शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 26-28 अक्टूबर तक मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित सम्मेलन का विषय ‘समावेशीपन और स्थिरता’ था, जिसमें अपने संबोधन के दौरान जयशंकर ने व्यापार, खाद्य सुरक्षा, आतंकवाद और भारत-प्रशांत पर आसियान दृष्टिकोण को लेकर अपने विचार साझा किए।
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार विदेश मंत्री ने कहा हम एक जटिल दौर में मिल रहे हैं। आपूर्ति श्रृंखलाओं की विश्वसनीयता और बाजारों तक पहुंच को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। तकनीकी प्रगति बहुत प्रतिस्पर्धी हो गई है, प्राकृतिक संसाधनों की खोज तो और भी अधिक। ऊर्जा व्यापार लगातार सीमित होता जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप बाजार विकृतियां पैदा हो रही हैं। सिद्धांतों को चुनिंदा ढंग से लागू किया जाता है और जो उपदेश दिया जाता है, जरूरी नहीं कि उस पर अमल भी किया जाए। लेकिन बदलाव का अपना एक अलग ही महत्व होता है और दुनिया अनिवार्य रूप से नई परिस्थितियों के अनुरूप प्रतिक्रिया देगी।
जयशंकर ने आगे कहा कि अंततः तकनीक, प्रतिस्पर्धा, बाजार के आकार, डिजिटलीकरण, कनेक्टिविटी, प्रतिभा और गतिशीलता की वास्तविकताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बहुध्रुवीयता केवल स्थायी नहीं है, बल्कि विकसित भी होगी। ये सभी गंभीर वैश्विक चर्चाओं का विषय हैं। उन्होंने कहा हम ऐसे संघर्ष भी देख रहे हैं जिनके निकट और दूर, गंभीर परिणाम हैं। गहरी मानवीय पीड़ा के अलावा, ये खाद्य सुरक्षा को कमजोर करते हैं, ऊर्जा प्रवाह के लिए खतरा पैदा करते हैं और व्यापार को बाधित करते हैं। इसलिए, भारत गाजा शांति योजना का स्वागत करता है। हम यूक्रेन में संघर्ष का शीघ्र अंत चाहते हैं।
इस दौरान विदेश मंत्री ने आतंकवाद को एक निरंतर और विनाशकारी खतरा बताते हुए कहा कि इस संबंध में दुनिया को शून्य सहनशीलता का परिचय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) की गतिविधियों और इसके भविष्य की दिशाओं का पूर्ण समर्थन करता है।
इससे पहले 26 अक्टूबर को जयशंकर ने सम्मेलन से इतर कई देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात भी की। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। डॉ. जयशंकर मलेशियाई विदेश मंत्री मोहम्मद हाजी हसन, सिंगापुरी समकक्ष विवियन बालाकृष्णन, दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ह्यून, थाईलैंड के समकक्ष सिहासक फुआंगकेतकेओ के अलावा मलेशियाई प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन तथा न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से भी मिले। इस बैठकों में जयशंकर ने भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने पर जोर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *