भारत ने यूएन में उठाया सीमा पार आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी का मुद्दा

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न्यूयॉर्क। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा कि वह दशकों से सीमा पार से हो रहे आतंकवाद और अवैध हथियारों की तस्करी से पीड़ित रहा है। भारत ने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि अब सीमा पार से ड्रोन के जरिए भी हथियार भेजे जा रहे हैं। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने यूएनएससी में ‘छोटे हथियारों’ पर आयोजित एक खुली बहस में भारत का वक्तव्य देते हुए यह टिप्पणी की।
न्यूयॉर्क स्थित भारत के स्थायी मिशन ने 11 नवंबर को हरीश के संबोधन की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा की, जिसमें उन्होंने कहा छोटे एवं हल्के हथियारों की अवैध तस्करी और उनका दुरुपयोग आतंकवाद और सशस्त्र समूहों को बढ़ावा दे रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को गंभीर खतरा है।  उन्होंने कहा कि इन आतंकी समूहों के पास इतने आधुनिक हथियार तभी संभव हैं, जब उन्हें बाहर से वित्तीय और तकनीकी सहायता मिल रही हो। हरीश ने जोर देते हुए कहा कि यूएनएससी को ऐसे हथियारों की आवाजाही और इस्तेमाल को बढ़ावा देने वालों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनानी चाहिए।


भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि तस्करी को रोकने, सीमा समन्वय में सुधार, खुफिया जानकारी साझा करने और प्रवर्तन तंत्र को मजबूत करने के लिए प्रभावी अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है। भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, हरीश ने कहा कि देश छोटे एवं हल्के हथियारों के दुरुपयोग को रोकने को प्राथमिकता देता रहेगा, जिससे आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में योगदान मिलेगा।


भारतीय राजनयिक ने कहा छोटे हथियारों तथा हल्के हथियारों की तस्करी न केवल सुरक्षा बल्कि विकास और मानवीय पहलुओं को भी प्रभावित करती है।  इन पर नियंत्रण के लिए देशों को मिलकर काम करना होगा, जिससे सीमा सुरक्षा, खुफिया साझेदारी और सूचना आदान-प्रदान को मजबूत किया जा सके। उन्होंने बताया कि भारत में यूएन प्रोग्राम ऑफ एक्शन (पीओए) और इंटरनेशनल ट्रेसिंग इंस्ट्रूमेंट (आईटीआई) को सक्रिय रूप से सहयोग के रूप में लागू किया जा रहा है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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