
पटना, 5 नवंबर:
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले राज्य का सियासी पारा अचानक चढ़ गया है। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह को लेकर उठे वीडियो विवाद ने पूरे चुनावी माहौल को हिला कर रख दिया है। जैसे ही जेडीयू नेता और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री राजीव रंजन उर्फ लल्लन सिंह का वीडियो जिसमें उन्होंने NDA समर्थकों को बोल रहे है “ यहाँ कुछ नेता जिनको चुनाव के दिन निकलने मत दीजिएगा, घर में वहीं बंद कर दीजिएगा”, वायरल हुवा वहीं राजनीतिक गलियारों में बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया।
पहले चरण में जहां सभी राजनीतिक दल पूरे जोश से प्रचार में जुटे थे, वहीं अब ललन सिंह पर उठे सवालों के बाद चुनाव में इक अलग माहौल बन गया है RJD ने वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि ललन सिंह गरीबों को वोट देने से रोक रहे है । इसके पलटवार में JDU ने कहा ये वीडियो एडिटेड है। चुनाव आयोग ने वीडियो जांच के बाद ललन सिंह के ख़िलाफ़ पटना में FIR कराई। ललन सिंह पर आचार सहिता के उल्लंघन का भी आरोप लगा
राजद (RJD) और कांग्रेस ने इस मुद्दे को तुरंत भुनाने की कोशिश की है। राजद के वरिष्ठ नेता ने कहा कि “यह मामला जनता के सामने सत्ता पक्ष की असली सूरत दिखाता है।” वहीं कांग्रेस ने मांग की है कि केंद्र सरकार को इस पर जल्द सफाई देनी चाहिए।
वहीं जेडीयू (JDU) और भाजपा (BJP) के प्रवक्ताओं ने आरोपों को “राजनीतिक साजिश” बताया है। उनका कहना है कि चुनाव से ठीक पहले विपक्ष मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रहा है। एक जेडीयू नेता ने कहा — “ललन सिंह पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं, जनता सब जानती है।”
ग्रामीण इलाकों से मिली जानकारी के मुताबिक, आम मतदाता अब इस पूरे विवाद को ध्यान से देख रहा है। कुछ लोग इसे “राजनीतिक खेल” बता रहे हैं तो कुछ इसे “नेताओं की जवाबदेही का सवाल” मान रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस विवाद का असर पहले चरण के मतदान पर जरूर पड़ेगा। एक विशेषज्ञ ने कहा — “यह मामला चाहे जितना छोटा क्यों न लगे, लेकिन चुनाव के दौरान ऐसे विवाद हवा का रुख बदल देते हैं।”
बिहार का राजनीतिक माहौल इस वक्त पूरी तरह से गर्म है। पहले चरण के मतदान से पहले उठे इस विवाद ने सभी दलों की रणनीति पर असर डाला है। अब देखने वाली बात यह होगी कि जनता इस पूरे घटनाक्रम को किस नजरिए से देखती है और क्या यह विवाद वोटों के समीकरण को बदल पाएगा।
