Varsha Chamoli

केदारनाथ यात्रा होगी अब बेहद सरल और तेज़, क्योंकि अदानी ग्रुप हिमालय में 12.9 किलोमीटर लंबे अत्याधुनिक रोपवे का निर्माण कर रहा है, जिससे यात्रा का समय घटकर सिर्फ 36 मिनट रह जाएगा। यह परियोजना, जो भारत सरकार की ‘परवतमाला योजना’ के अंतर्गत सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर विकसित की जा रही है, उत्तराखंड के पर्यटन व धार्मिक यात्रा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव साबित होगी।
इस परियोजना को अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को लेटर ऑफ अवार्ड (LOA) सितंबर 2025 में दिया गया है। 4081 करोड़ रुपये की इस परियोजना का निर्माण छह वर्षों में पूरा होगा, जिसके बाद कंपनी इसे 29 वर्षों तक संचालित और मेंटेन करेगी। यह रोपवे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक फैला हुआ है, जो समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
रोपवे विश्व की अत्याधुनिक त्रि-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3S) तकनीक पर आधारित होगा, जो उच्च हिमालयी इलाकों में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करता है। हर गोंडोला में 35 यात्री यात्रा कर सकेंगे और हर घंटे इस रोपवे से 1800 यात्री दोनों दिशाओं में सफर कर सकेंगे, जिससे प्रति दिन लगभग 18,000 तीर्थयात्रियों की सेवा संभव होगी।
इस रोपवे के बनने से केदारनाथ की 8-9 घंटे की कठिन और थकान भरी यात्रा मात्र 36 मिनट की सुखद और सुरक्षित यात्रा में बदल जाएगी। बुजुर्ग, बच्चे, और दिव्यांग यहां आसानी से पहुंच सकेंगे, साथ ही खराब मौसम के कारण होने वाली समस्याएँ भी कम होंगी। साथ ही, यह परियोजना स्थानीय पर्यटन, रोजगार एवं आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे क्षेत्र की समृद्धि बढ़ेगी।
अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने इस परियोजना को “आस्था और आधुनिक संरचना का संगम” बताते हुए कहा है कि यह यात्रा को न केवल सरल और सुरक्षित बनाएगी, बल्कि लाखों लोगों की आस्था का सम्मान भी करेगी। उन्होंने कहा कि यह रोपवे उत्तराखंड के लोगों के लिए नए अवसर और प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
मुख्य अंश:
- परियोजना का कुल लंबाई: 12.9 किलोमीटर
- लागत: करीब 4081 करोड़ रुपये
- यात्रा समय: 8-9 घंटों से घटकर 36 मिनट
- तकनीक: 3S त्रि-केबल डिटेचेबल गोंडोला
- यात्री क्षमता: एक गोंडोला में 35 यात्री, प्रति घंटे 1800 यात्री दोनों दिशाओं में
- निर्माण अवधि: 6 वर्ष
- संचालन अवधि: 29 वर्ष (अदानी समूह द्वारा)
- आर्थिक एवं पर्यावरणीय लाभ: रोजगार सृजन, पर्यटन वृद्धि, पर्यावरण संरक्षण
यह परियोजना न केवल उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा देगी, बल्कि हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थस्थल केदारनाथ तक श्रद्धालुओं की यात्रा को भी सरल, सुरक्षित और आनंददायक बनाएगी। बाबा केदार के प्रति आस्था का यह नया अध्याय आधुनिक तकनीकी विकास के साथ जुड़कर आने वाले वर्षों में श्रद्धालुओं के लिए वरदान सिद्ध होगा।
