Varsha Chamoli

उत्तराखंड की ऐतिहासिक चारधाम यात्रा 2025 में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या ने नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। इस वर्ष बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में कुल 50 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। विशेष रूप से केदारनाथ धाम में इस बार 1.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों की वृद्धि हुई है, जिससे यहां की आस्था और भी प्रगाढ़ हुई है।
यात्रा सीजन में इस भारी भीड़ ने राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दी है। इसके चलते व्यापार और पर्यटन क्षेत्र में लगभग 35% की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सरकार ने यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाते हुए ऑनलाइन बुकिंग सिस्टम, आपातकालीन सेवाएं और सुरक्षा प्रबंधों को सुदृढ़ किया है, जिससे यात्रियों को एक सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव प्राप्त हो रहा है।
यात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया अनुसार, यात्रा मार्ग अब पहले से अधिक सुगम और व्यवस्थित हैं। आवास सुविधाएं भी सुधरी हैं, जिससे तीर्थयात्रियों को आरामदायक रहना सुनिश्चित हो पाया है।
सरकार भविष्य के लिए “ग्रीन यात्रा मॉडल” पर काम कर रही है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, प्लास्टिक-मुक्त क्षेत्र, और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम जैसी आधुनिक सेवाएं शामिल होंगी। इस पहल का मकसद चारधाम यात्रा को और अधिक पर्यावरण अनुकूल, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाना है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा की सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह आस्था, अनुशासन और सामूहिक प्रयास की जीत है। उन्होंने आगामी वर्षों में इसे और बेहतर बनाने के लिए सतत प्रयास करने का आश्वासन दिया।
इस वर्ष की चारधाम यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी उत्तराखंड के लिए एक मिसाल साबित हुई है। इस सफलता से आगामी वर्षों में भी इस क्षेत्र में तीर्थयात्रा और पर्यटन की नई कसौटी तय होने की उम्मीद जताई जा रही है।
