नई दिल्ली, 12 नवम्बर 2025
वर्षा चमोली

दिल्ली सरकार ने वीरांगना झलकारी बाई कोली के योगदान को सम्मान देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि झलकारी बाई को अब ‘प्रख्यात हस्तियों की जयंती/पुण्यतिथि योजना’ में शामिल किया जाएगा।
बैठक में समाज कल्याण विभाग सहित विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ। अब वीरांगना झलकारी बाई का नाम उन महान विभूतियों की सूची में जुड़ गया है, जिनकी जयंती और पुण्यतिथि दिल्ली सरकार की विशेष योजना के अंतर्गत मनाई जाती है। इनमें डॉ. भीमराव अंबेडकर, संत रविदास, महर्षि वाल्मीकि, संत कबीर, संत गाडगे जी महाराज और संत दुर्बल नाथ जैसी हस्तियां पहले से शामिल हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि झलकारी बाई भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अदम्य शौर्यगाथा की प्रतीक हैं।
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेना में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रानी की अनुपस्थिति में उन्होंने ब्रिटिश सेना का सामना किया और असाधारण वीरता का परिचय दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “झलकारी बाई का जीवन भारतीय महिलाओं की वीरता, देशभक्ति और आत्मसम्मान का प्रेरक प्रतीक है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि योजना के तहत पंजीकृत गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को इन हस्तियों की जयंती या पुण्यतिथि मनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
प्रत्येक आयोजन के लिए अधिकतम ₹50,000 की वित्तीय सहायता निर्धारित की गई है। इस सहायता का उद्देश्य इन महान व्यक्तित्वों के विचारों और योगदान को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाना है।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा कि झलकारी बाई को योजना में शामिल करना केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय, समानता और सम्मान की भावना को मजबूत करने वाला कदम है।
उन्होंने कहा, “दिल्ली विविधताओं का शहर है, और हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर समाज, हर समुदाय की गौरवशाली परंपरा को समान मान्यता मिले।”
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के संगठनों की यह लंबे समय से चली आ रही मांग थी कि वीरांगना झलकारी बाई की जयंती को इस योजना में शामिल किया जाए। सरकार ने इन समुदायों की भावनाओं का सम्मान करते हुए यह निर्णय लिया है।
दिल्ली सरकार का यह निर्णय भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले राष्ट्रीय नायकों, संतों और समाज सुधारकों के प्रति सम्मान की भावना को सशक्त बनाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की यह नीति केवल स्मरण भर नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और प्रेरणा का माध्यम भी बनेगी।
